महिलाओं की शक्ति का उपयोग
"आपको समझना चाहिए कि महिलाएँ अपने अंदर अपनी सारी शक्ति को बनाकर रख सकती हैं। लेकिन अगर वह अपनी शक्तियों को लड़ने, बहस करने, शिकायत करने या तुच्छ चीजों में बर्बाद करती है तो उसकी शक्ति चली जाएगी। महिलाएं इतनी शक्तिशाली हैं कि वह चाहे तो पुरुषों के लिए अधिक काम कर सकती हैं, लेकिन सबसे पहले उसे अपनी शक्तियों का सम्मान करना चाहिए। शक्ति को बिखरने और बर्बाद करने से वह शक्तिहीन हो जाती है।
इस तरह की महिलाएं अच्छी नहीं होती है। महिलाओं का काम बहुत महत्वपूर्ण और गरिमा से भरा है। महिलाओं को बहुत विनम्र और बहुत बुद्धिमान होना चाहिए।* पुरुषों को बुरे शब्दों का उपयोग करने दें, लेकिन महिलाएं नहीं कर सकती हैं। पुरुष बहस कर सकते हैं और लड़ सकते है, लेकिन महिलाऐं नहीं। उनका काम शांति, सुरक्षा और लोगों की मदद करना है। वह ढाल होती है तलवार की तरह नहीं। और तलवार ढाल नहीं हो सकती।
ढाल तलवार से बड़ी होती है, क्योंकि ढाल तलवार को सहन कर सकती है। तलवार को तोड़ा जा सकता है लेकिन ढाल को नहीं। तो महिलाओं की सबसे महत्वपूर्ण शक्ति विनम्रता है। विनम्रता के साथ सभी शक्तियां आती हैं। ”
परमपूज्य श्री माताजी,
कलकत्ता, 25/03/1991
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