15-10-1979 का लंडन यु.के.में श्री.माताजी द्वारा सहज योग के बारेमें भविष्य वाणी की गयी थी
1) आगे कौनसा भी बडा संघ (organisation) नही चलेगा,जिसके अनुसार (under their guidance)बहुत सारे योगी बडे बडे हॉलमे सामुहीक ध्यान के लिएे एकठ्ठा एकठ्ठा जमा होते है।
2) आगे बहुत बडी मात्रा में बडे हॉलमें सामुहिक पुजाँए नही होंगी।
3) आगे बडे बडे मंदीर नही होंगे जहाँ लोगोंकी भीड लगी रहे।
4) सहज योगा एकमेव सर्व सामान्य जीवन शैली बन जायेगी।
5) बहुत बडी संख्यामें लोग सहज योग का स्वीकार करेंगे,वो कभी नही सोचेंगे की वो कुछ अलग कर रहे है।
6) अलगसे सहज योगका प्रचार प्रसार करनेकी चर्च्या या प्लानिंग करनेकी जरुरत ही नही रहेगी,परिपुर्ण योगी लोगोंका सहज योग प्रचार प्रसार का कार्य करेगा।
7) अभी मानवी समुदाय में जो भी समस्याँए मौजुद है वो सारी खत्म होंगी।
8) कोई नॅशनल या स्थानिक कमीटी या कौन्सिल नही रहेगी।
9) आप सार योगी जन नियमित रुपसे गहन ध्यान करेंगे,पुरी तरहसे चैतन्य को महसुस करेंगे और सभी योगी भाई बहन एक दुसरोंको सहज(निरपेक्ष भावनासे) तरीकेसे सहकार्य(एक दुसरोंकी समस्याँओमें सहकार्य)करेंगे।
10) सहज योग की एकवेब साइट कार्यान्वित रहेंगी जहाँ से योगीजन परिपुर्ण मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।सहज योग मे कुछ अलग कार्य की (सेमीनार या वर्कशॉप्स आदी)की जादा आवश्यकता नही रहेंगी।
11) आप मे से सभी परफेक्ट नही रहेंगे फिरभी आपको आपके उत्थान का रास्ता मिल जाएगा।
12) हम लोग नियमित रुपसे अपनी अपनी छोटीे सामुहिकता में ध्यान धारणा करेंगे और पुजा कार्यक्रम भी सम्पन्न करते रहेंगे।
आगे जॉन द्वारा कुछ प्रश्नोंके उत्तर मे श्री.माताजी ने कहाँ की सिर्फ योगीयोंके प्रेम तत्व से सब कार्य होगा,और योगी योंकी सभी समस्याँए प्रेम तत्व से ही खत्म होंगी।
(यहाँ श्री माताजीने योगीयोंको अप्रत्यक्ष रुपमें चेतावनी दी है की प्रेम तत्व के बिना सहज योग चलने वाला नही है।)
प्रत्यक्ष मार्गदर्शन अंग्रेजी में उपलब्ध है जिसे योगी पढ सकते है।
जय श्री माताजी।
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