Sunday, July 12, 2020

Forgive & leave it to God - Hindi Article

क्षमाशीलता 


"....मैंने आपको असंख्य बार कहा है की ," जब आपको लगता है की किसी की कोई बात को क्षमा करना असंभव हो तो वह चीज़ परमेश्वर पर छोड़ दो ।" 


उसे परमेश्वर की उस शक्ति पर छोड़ दो जो विश्व का दिशा दर्शन करती है । उसके उपरांत उस चीज़ से आपका कोई सम्बन्ध नहीं होता । मुश्किल परिस्तिथियों में "सहज एवं शांत " रहना यह उसका सामना करने हेतु सर्वोत्तम मार्ग है । 

किसी एक की आक्रामकता को रोकने हेतु अगर सहजता प्रत्युत्तर उसे दिया जाये तो परमेश्वर आपकी रक्षा करता है ।

 वह आपकी और से खड़ा होता है । सभी प्रकार की परिस्तिथियों में मार्ग निर्धारित करने हेतु किसी प्रकार के निश्चित नियम नहीं हैं । केवल एक एवं एक ही नियम है वह याने क्षमा करना । तुम्हें लोगो को क्षमा करना ही चाहिए । 

..................आप जब इस प्रकार क्षमाशील व्यक्ति बनेंगे तो आपको कोई भी प्रत्युत्तर की चिंता करने की आवश्यकता नहीं । अगर आपने क्षमाशीलता की भावना स्थापित की होगी तो आप कुछ भी गलत नहीं करते हैं । 


आपको पूछा जायेगा की " क्या आपने उस व्यक्ति को क्षमा की ?" और उस पर आपका आश्चर्य कारक प्रतिसाद (उत्तर ) होगा " क्षमा ! किसलिए क्षमा । क्योंकि आपने किसी को दुःख नहीं दिया , कोई गुनाह नहीं किया है , आपको नाराजी भी अनुभव नहीं हुई और इसलिए क्षमा करने लायक कुछ भी नहीं है ।" 

क्षमाशीलता यह अत्यंत महत्वपूर्ण गुण जिन्होंने प्रस्थापित किया है ऐसे प्रत्येक का यही अनुभव होगा । आप क्षमाशील बनिए । आप खूब शक्तिशाली एवं बलशाली होंगे , खूब शुद्ध हो। आपको कोई भी आघात नहीं कर पाएगा , वह बिलकुल असंभव होगा ।

--- परम् पूज्य माताजी श्री निर्मला देवी
05 / 02 / 2007



No comments:

Post a Comment