"श्राद्ध पक्ष"
कर्मकांड की आवश्यकता नही, तो क्या करे ?
श्राद्ध पक्ष शुरू हो गए है l
अगर किसी सहजयोगी को ध्यानावस्था में लगता है कि हम पर पित्र दोष है तो रोज सुबह ध्यान के बाद अगले 16 दिनों तक ये प्रार्थना नियमित करे l
जैसा कि श्रीमाताजी ने बताया है कि हमारा राइट हार्ट जिस पर पिता का स्थान होता है नियमित रूप से ध्यान के बाद अपने राइट हार्ट पर अपना लेफ्ट हैंड (बांया हाथ) रख कर प्रार्थना करे कि----
श्रीमाताजी हमारे समस्त पित्र पूर्वजो को आप गति दीजिये, उनको मोक्ष प्रदान कीजिये, उन्हें अपने श्रीचरणों मे स्थान दीजिये।
इसके बाद अपने पितरों से भी प्रार्थना करे कि----
आप हमारी चिन्ता ना करे हम माँ आदिशक्ति के श्रीचरणों मे पूर्ण रूप से सुखी और संतुष्ट है।
उसके बाद कुछ देर चित को राईट हार्ट और सहस्त्रार पर एक साथ रख कर ध्यान करे l
सहजयोगी रोज इस प्रकार से प्रार्थना करे, पितरों के लिए किसी भी अन्य कर्मकांड की आवश्यकता नही l
जय श्रीमाताजी
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