Friday, September 9, 2022

Workshop with Shri Vijay Nalgirkar - Q & A in Hindi

 इंदौर 25 सितम्बर 2016 को हुई वर्कशॉप में वरिष्ठ सहजयोगी श्री विजय नालगिरकर जी से पूछे गए सवाल और उनके द्वारा दिये गए जबाब


1-घर में रोज आरती करना चाहिये कि नहीं

जबाब-कर सकते हे।

करना अच्छा है।

पर करना ही चाहिये ये जरूरी नही


2-पूजा के दौरान पंचाम्रत पूजा के समय या श्रीगणेश पूजा के समय श्रीचरण को हाथ लगा सकते हे क्या या हाथो में ले सकते हे क्या।


जबाब- नही।

फूलो से उठाना हे और श्रीचरण के खड़ाऊ वाले हिस्से को उंगलियो से पकड़ कर दूसरी परात या थाली में रखना है। नेपकिन के ऊपर रख कर नेपकिन  से ही पोछना हे।सीधे हाथो का सम्पर्क टालना चाहिये।

ऊँगली से स्वस्तिक बिंदी लगा सकते हे।

पर उस समय भी श्रीचरण परात में रखे हुए हो न की हाथो में।


3-हवन के पूर्व किसी भी प्रकार की पूजा की जा सकती है क्या

जबाब- केवल हवन कुंड का पूजन करना है ।हवन के पहले किसी भी स्वरूप की पूजा नहीं करनी है।हवन के बाद कर सकते हे।


4-श्रीमाताजी के फोटो पर किसी भी प्रकार के गहने ,मुकुट, माला आदि फेविकोल या किसी अन्य चिपकाने वाली बस्तु से चिपका सकते हे क्या।

जबाब- नहीं।

ऐसा सुन भी पहली बार रहा हु।ऐसा नहीं करना चाहिये।

श्रीमाताजी के फोटो पर सिर्फ गुलाबजल से स्वच्छसाफ़ करने के अलावा कुछ नहीं लगाना है।

बिंदी भी जो फोटो में ओरिजनल हे उसी को रहने देना चाहिये।पैरो पर स्वस्तिक लगा सकते हे।

श्रीमाताजी किसी को भी चेहरे पर हाथ लगाने नहीं देती थी।


4-मुख्य केंद्र पर जिस भी स्वरूप की पूजा होती है क्या उस स्वरूप की पूजा उस दिन भी कर सकते हे क्या जो दिन उनका होता है।जैसे जन्माष्टमी जिस दिन हो उस दिन भी श्रीकृष्णपूजा कर सकते हे क्या।या गुरुपूर्णिमा पर श्रीगुरुपूजा जैसे


जबाब-घर पर कर सकते हे पर सेंटर पर उसी दिन पूजा करना है जिस दिन सामूहिक पूजा घोषित हो।


5-पूजा हवन सामूहिक ध्यान में जीन्स पहन सकते हे क्या।

महिलाये बाल खुले रख सकती है क्या।

 

जबाब-श्रीनालगिरकर काका ने विदेशी सहजि भाई बहनों का उदाहरण दिया की वो पूजा हवन सामूहिक ध्यान में महिला योगिनी साडी और भाई कुरता पजामा पहनते हे क्योंकि वो आरामदायक होते है।

आप लोग टाइट कपड़े क्यों पहनना चाहते हो।

हा सीधे ऑफिस से आ रहे हे या सेंटर से सीधे ऑफिस जाना है तो बात अलग है।

सामान्यतः सेंटर पर सबने गरिमामय कपड़े- साड़ी पहन कर आना चाहिये।


महिलाओ ने और सभी ने बाल कंघी  से सवार कर व्यवस्थित इत्यादि बना कर ही सेंटर आना चाहिये।


6-घर में ध्यान कक्ष के अतिरिक्त श्रीमाताजी के फोटो बेडरूम बैठक डायनिग किचन आदि में भी लगा सकते हे क्या।

जबाब-लगा सकते हे।पर जहाँ भी लगाये उसका पूरा सम्मान रखे।

उन सब फोटो को नियमित गुलाबजल से स्वच्छ करना है।

बेडरूम में भी पूरी मर्यादा और सम्मान का पालन करना है।

बाथरूम टॉयलेट छोड़ कर सब जगह लगा सकते हे।

बैज पेन्डेन्ट आदि बाथरूम टॉयलेट में जाते समय उतार कर जाना है।


7-वर्तमान में युवा शक्ति में सहज विबाह के प्रति कोई सम्मान नजर नही आता।

कोई भी कारण बता कर सहज मैच केंसल कर देते है। 


जबाब- एक बार मैच हो जाने के बाद कोई ठोस कारण हो तो मना कर सकते हे।

जाती पाती गोरा काला ऐसे बेतुके कारण बता कर मना नहीं करना चाहिये।

श्रीमाताजी ने ऐसे कई विवाह करवाये जिसमे 1 साथी बहुत सुंदर और दूसरा बिलकुल सामान्य भी नहीं दीखता था।

पर सब श्रीमाताजी के ऊपर छोड़ कर शादी करते थे।और आज वो सब सुखी हे।


8-श्रीमाताजी के कोण से फोटो के सामने हमको नियमित ध्यान जलक्रिया आदि करना चाहिये।कोई कहता है सिर्फ अभय मुद्रा या धन्वन्तरि स्वरूप पर ही ध्यान करना चाहिये।

कोई बिमारी हटाना होतो धन्वन्तरि स्वरूप फोटो पर ध्यान करना चाहिये क्या।


जबाब-श्रीमाताजी के किसी भी फोटो पर ध्यान कर सकते हे।

अभय मुद्रा धन्वन्तरि और भी अन्य सभी स्वरूपो पर ध्यान कर सकते हे।

बस फोटो श्रीमाताजी का ही हो।


9-किया दीपक सिर्फ सरसो के तेल का ही लगाना चाहिये

जबाब- घी का भी लगा सकते हे।किसी भी खाद्य तेल का उपयोग कर सकते हे दीपक जलाने के लिये।


10-क्या किसी बाधा या समस्या को दूर करने हेतु उल्टा बन्धन भी दे सकते हे।

जबाब- श्रीमाताजी ने कभी भी उल्टा बन्धन नहीं बताया।सीधा ही बताया है वैसा ही लगाना चाहिये।


11-सामूहिक ध्यान में सुने गये श्रीमाताजी के प्रवचनों को बाद में सामूहिकता को समझाना चाहिये क्या की श्रीमाताजी ने जो कहा उसका मतलब ये हे ऐसे।


जबाब- नहीं ।

इंग्लिश के प्रवचन का सारांश बता सकते हे।

हिंदी प्रवचन का 

कोई आकर पूछे तो बहुत संक्षिप्त सारांश दो लाइन में बता सकते हे।हर एक वाक्य को विस्तार से नही समझाना हे। कोई नहीं पूछे तो अपने दिमाग से श्रीमाताजी के प्रवचन का विश्लेषण करके नहीं बताना है।


12-सेंटर पर प्रसाद में नानवेज बना सकते हे क्या।

जबाब- बना सकते हे।पर जरूरी नहीं है।दिल्ली में कभी कभी नानवेज भी बनाया जाता था।

जिसको नहीं खाना हे वो नहीं खाये कोई समस्या नहीं।


13-पूजा सेंटर के दौरान लिये जाने वाले भजनों के बारे कोई विशेष गाइड लाइन हे क्या।

जबाब- भजन निर्मलाजंली और सहज की किताब से ही हो।बाहर का भजन या फ़िल्मी भजन नहीं गाना हे।


13-श्रीमाताजी को चढाये गये वस्त्र साड़िया ब्लाउज़ पीस आसन रुमाल आदि का क्या करना चाहिये।

जबाब- सेंटर पर श्रीमाताजी के सिंहासन आदि को सजाने आदि में उपयोग कर सकते हे।किसी को भी निजी उपयोग नहीं करना है।

अंत में

विसर्जन ही करना है।


14-हवन में पति पत्नी जोड़े से नहीं बैठ सकते क्या

जबाब-हवन पूजन सबमे जोड़े से बेठ सकते हे।


15-स्टेच पर पूजा की तैयारी में केवल महिलाओं का ही होना जरूरी है क्या


जबाब-नहीं जरूरी नही है।

पुरुषो को भी स्टेच पर पूजा की तैयारी में सहयोग करना चाहिये।


16-श्रीमाताजी प्रवचनों के अंत में कहती है परमात्मा सबको आशीर्वादित करे।जबकि वो स्वयं परमात्मा है तो वो क्यों अलग से कहती है

जबाब- श्रीमाताजी कहने को कहती है पर वो ही आप सबको आशीर्वादित करती है


17-बुधवार को सामूहिक ध्यान सेंटर नहीं होना चाहिये क्या।कोई कहता है बुधवार को सेंटर नहीं रखना चाहिये

जबाब- रख सकते हे।

दिल्ली में एक बहुत पुराना सेंटर बुधवार को  ही लग रहा है बरसो से लगता आ रहा है।


19-पातंजलि के प्रोडक्ट उपयोग कर सकते हे क्या


जबाब- रामदेव को श्रीमाताजी ने अगुरु बताया है।

ये सवाल पहली बार सुना है।इसको अच्छे से जांच पड़ताल के बताएंगे।


जब तक

बाजार में अन्य कम्पनियो के प्रोडक्ट भी हे वो उपयोग कीजिये।


20-हवन में आहुति कैसे डालना हे

बाई हथेली पर दाए हाथ की उंगलियों को घुमाना चाहिये क्या


जबाब-नहीं उंगलियो को नहीं घुमाना चाहिये।

लेफ्ट साइड से ऊपर उठा कर सर से ऊपर 3 बार घुमा कर हवन कुंड में आहुति डालना हे।


हवन कब कब करना चाहिये


केवल नवरात्रि में 1 हवन सामूहिकता में और 1 होली पर।

बाकि किसी सहजि के घर पर हवन जब होना चाहिये जब परिवार में मृत्यु हुई हो या बहुत नकारात्मकता और बाधा महसूस होती हो।या नए घर में प्रवेश हो या घर का जिर्णोदार हुआ हो।इन समस्त स्थितियों में सेंटर कोर्डिनेटर की सहमति लेनी चाहिये।


जब किसी का जन्म होता है या जन्मदिन होता है या कोई ख़ुशी की बात हो तो श्रीमाताजी की छोटी पूजा करना चाहिये न की हवन।

पुण्यतिथि पर भी हवन नहीं करना चाहिये।श्रीमाताजी की छोटी पूजा  स्वरूप में पूजा कर सकते हे।


21-श्रीमाताजी के उन नामो के आगे श्री लगाना चाहिये या नहीं जिसमे किसी राक्षस दैत्य बाधा का नाम आता हो।

जैसे महिषासुरमर्दिनि,मधुकैटभ हन्त्री

जबाब-सब नाम श्रीमाताजी के हे तो लगाना ही चाहिय।

पर जब भी नाम ले उसका उच्चारण एकसाथ हो जैसे श्रीमधुकेटभहन्त्री

श्रीमहिषासुरमर्दिनी

न की ऐसे श्री महिषासुर मर्दिनि ।याने शब्दो को अलग अलग नहीं एक साथ बोलना हे।जैसे श्रीशुम्भनिशुम्भसन्हन्त्री

श्रीचन्डमुण्डविनाशिनी ऐसे बोलना हे।


22-सामूहिक ध्यान कितने समय का होना चाहिये।और उसका स्वरूप केसा होना चाहिये।भजन कितने होने चाहिये।गाइड मेडिटेशन कितने समय का होना चाहिये।


जबाब-सामूहिक ध्यान सेंटर का  

न्यूनतम समय-सवा घण्टा

एवरेज-डेढ़घण्टे

और

अधिकतम-पौने 2 घण्टे से 2घण्टे का होना चाहिये


2 से 3 भजन होना चाहिये।जिसमे श्रीगणेश जी का भजन पहले गाना  जरूरी है।

गाइड मेडिटेशन में लेफ्ट राईट क्लियर कर सकते हे ,गाइड मेडिटेशन का समय 5- 10 मिनिट से ज्यादा का न हो।श्रीमाताजी की स्पीच पूरी चलानी चाहिये।स्पीच ज्यादा बड़ी हो तो भी बिच में बंद नहीं की जाय ।

पर 25 से 40 मिनिट की बहुत सी स्पीच हे वो चलाना चाहिये।

स्पीच के अंत में श्रीमाताजी के द्वारा अनन्त आशीर्वाद ,may God bless you,आदि सुनना अच्छा होता है।

सेंटर में स्पीच छोटी करने के बजाय गाइड मेडिटेशन भजन आदि में कटौती करे पर स्पीच में कोई कटौती नहीं करना चाहिये।

आरती के बाद 5 से 10 मिनिट ध्यान में बैठा जाना चाहिये।

सेंटर को कम समय में समाप्त नहीं करना चाहिये या बहुत ज्यादा समय नहीं लगाना चाहिये। सवा से डेढ़ घण्टे का समय लगाना चाहिये।प्रवचन बड़ा हो तो सेंटर का समय बड़ा सकते हे।पौने 2घण्टे कर सकते हे।पर स्पीच बिच में रोकना नहीं है।


23- आरती पूजन सामूहिकता में महिलाओं को सर पल्लू लेना चाहिये क्या।विधवा महिला आरती कर सकती है क्या,श्रीमाताजी की ओटी (गोद) भर सकती है क्या।


जबाब-श्रीमाताजी के सामने सर पर पल्लू लेने की कोई जरूरत नहीं।

धुप में जाना हो या ज्यादा सर्दी हो तो सर ढका जाना चाहिये।अन्यथा नहीं।

स्त्री पुरुष सभी को सर पर हमेशा टोपी या कपड़ा पहनने की कोई जरूरी नहीं।श्रीमाताजी के सामने हमेशा सहस्रार खुला हुआ होना चाहिये न की ढका हुआ।


विधवा महिला आरती पूजा कर सकती है।

ओटी भर सकती है।

बशर्ते अच्छी तरह श्रगार कर कुंकुम लगायी हुई हो न की विधवा के जैसे सफेद साड़ी पहने और माथे पर कुमकुम न लगाया हो।


24-मुख्य पूजाओं जो ट्रस्ट द्वारा कैलेंडर में घोषित की जाती है उनके अतिरिक्त वो पूजाए भी कर सकते हे क्या जो श्रीमाताजी ने कभी कभी करवाई है।जैसे श्री हनुमान पूजा

श्रीराम पूजा 

श्री भैरवनाथ पूजा 

श्री बुद्ध पूजा

ईस्टर पूजा ।

जबाब-मुख्य पूजाओं के अतिरिक्त सभी पूजा सेंटर कमेटी तय करके कर सकती है।

पूजा का स्वरूप पुरे पूर्ण स्वरूप में या सांकेतिक या छोटा कर सकते हे।ये सेंटर कमेटी तय करे की पूजा पुरे पूर्ण स्वरूप में करना है या छोटे स्वरूप में।

पूरी पूर्ण पूजा याने जैसी मुख्य पूजाए होती है वैसे 

या

छोटे स्वरूप में भजन गा कर 108 नाम से फूल पंखुड़ी अर्पण करके पूजा कर सकते हे।

Jai Shri Mataji

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