महिला बचत गढ़, ब्रह्मपुरी, महाराष्ट्र
इत्र महिमा
1. लेवेंडर - नाभि चक्र : लैवेंडर घी कैंफोर और लाल मिट्टी या खाने का गेरू, इन तीनों को घोटकर, पाउडर बनाकर एक डिब्बी में भर दे। उसके ऊपर कपास का टुकड़ा रख दें। कपास से पाउडर लेकर उसको अपने बाएं हाथ के पंजे के ऊपर की नस पर लगाएं। फिर लगाए हुए पाउडर को अपने दाएं हाथ के अंतिम तीन उंगलियों से स्पर्श कर कपाल पर भस्म की तरह लेपन करें। ऐसा करने से किसी भी कार्य में सफलता मिलेगी। बचपन में जीजस क्राइस्ट के कपड़े धोने के बाद लैवेंडर के ऊपर सुखाने के लिए डाले जाते थे।
2. जैस्मिन - विशुद्धि चक्र : अपने किसी भी हाथ के तलवे पर इसको लगाकर अपने दूसरे हाथ की अनामिका और मध्यमा से उसे स्पर्श करें फिर कपाल पर उंगलियों से भस्म की तरह लेपन करें तो सिर दर्द तुरंत समाप्त होगा। जिनके हाथ नहीं है वे इस इत्र को प्लेट में डाल दें और उस पर अपना मस्तक रख दे
3. दवणा - अनाहत चक्र: अपने किसी भी पैर के अंगूठे के नीचे इस इत्र को एक बूंद लगाएं। इससे तुरंत आपके सहस्त्रार में अनुभूति आएगी। यदि मस्तिष्क में नस ब्लॉकेज हो या और कोई मस्तिष्क की बीमारी हो तो, इस प्रयोग को अवश्य आजमाएं।
4. चाफा - मूलाधार चक्र : हाथ, रुमाल के बीचों बीच इस इत्र की एक बूंद डाल कर, रुमाल को चारों ओर से इकट्ठा कर के एक गोला बनाएं। उस को अपने मुंह के सामने पकड़ कर चबाने जैसा एक्शन कई बार करें। इस से यदि आप कि तबीयत ठीक नहीं हो ठीक होगी। कैंसर के मरीज़ पर यह प्रयोग लाभकारी होगा।
5. मजमुआ - अनाहत चक्र : यदि इस इत्र को हम शरीर पर लगाते हैं तो नेगेटिविटी शरीर में प्रवेश नहीं करती। फिर भी उसने प्रवेश किया तो, जब भी इस इत्र की हम सुगंध लेते हैं, तो वो नेगेटिविटी परेशान हो कर भाग जाती है। किसी भी बीमारी में इस इत्र को अपने पैर के दाएं घुटने पर लगा कर उस को मोड़ कर आकाश की तरफ झाड़ दें।
6. खस - विशुद्दी चक्र : जो लोग युद्ध भूमि में जाते हैं, उनके लिए ये इत्र अच्छा है। यदि आज्ञा चक्र के ऊपर इसको लगाएं तो नेगेटिव फोर्स का शरीर में प्रवेश नहीं होता। शरीर को सिक्योरिटी मिलती है। इस इत्र को अपने दोनो हाथों के तलवों पर लगा कर उस पर फेस पाउडर लगाएं। फिर उस को चेहरे पर लगा कर ड्राइविंग करें तो गाड़ी स्लिप नहीं होगी और ऐक्सिडेंट का खतरा नहीं होगा।
7. हिना - मूलाधार चक्र : यदि किसी ने बुरा होने की वजह से अपने को कोई तांत्रिक प्रयोग किया हो, कोई बंदिश मार दी हो, मंत्र मार दिए हों, नेगेटिव फोर्स का अटैक करवाया हो तो भी उसका प्रभाव शरीर पर पड़ेगा नहीं, यदि हम ने इस इत्र को शरीर पर लगाया हो। हिना इत्र को अपने दोनो घुटनों पर लगाएं और पेट का एरिया छोड़ कर कमर के चारों तरफ लगाएं। इससे नेगेटिविटी शरीर में प्रवेश नहीं करती। यदि वो प्रवेश कर भी देती है, तो वो समाप्त हो जाती है।
8. चंदन - सहस्त्रार चक्र : बीमारी में इस इत्र को अपनी दोनो भोंह के ऊपर कपाल पर लगा लें। इससे बीमारी में राहत मिलेगी और इस इत्र में नेगेटिविटी दूर भगाने कि क्षमता है।
9. मोगरा - अनाहत चक्र : जो लोग फौजी है इनके लिए यह इत्र अच्छा है। अपने हाथ के बाएं तलवे को इस इत्र को लगाएं और उसी तलवे को अपने आज्ञा चक्र के ऊपर रख दें, तो सिरदर्द तुरंत समाप्त होगा।
10. गुलाब - अनाहत चक्र : इस इत्र को अपने अनाहत चक्र के ऊपर लगाएं तो किसी भी बीमारी में राहत मिलेगी। सदा ध्यान रहे कि कोई भी प्रयोग करते समय, पूरी श्रद्धा के साथ करें तो ही सफलता मिलेगी, वरना ना करें तो अच्छा है। यह प्रयोग चौथे आयाम से प्राप्त है l चौथा आयाम श्रद्धा और अबोधिता के ऊपर निर्भर है इस लिए तीसरे आयाम के रूल्स रेगुलेशन, प्रोटोकॉल आदि इसको ना लगाएं। हर मिती के अपने प्रोटोकॉल्स अलग होते हैं। एक जैसे नहीं होते।
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