सहस्रार पर निरा का आनंद।
"हम इसके साथ दिल बहलाने वाली बात नहीं कर सकते। यह बहुत भयंकर आपातकाल का समय है। मैं वातावरण में स्थिति को भांप सकती हूँ, इस आपात स्थिति को।
सभी देवी-देवता इस कार्य को सुलझाने के लिए यहाँ आपके साथ हैं।
आप स्टेज (रंगमंच) पर हैं, और आपको क्रांति लाने का वैसा महान नाटक करना होगा।
हमें इस संसार को दिखाना होगा कि यह केवल आत्मा ही है, जो इस संसार को बचा सकती है, और कोई नहीं बचा सकता।
और इसीलिए आज से, हम अपनी यात्रा उस सूक्ष्मता और उस संवेदनशीलता की ओर शुरू करते हैं, जो आप अनुभव कर सकते हैं।
निरानंद - आपकी माँ का नाम निरा है, और सहस्रार पर आप आनंद को अनुभव कर सकते हैं, निरा का आनंद।"
प.पू माता जी श्री निर्मला देवी ।
१४ जनवरी १९८४
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