Thursday, November 19, 2020

Shri Ganesh helps Mother Kundalini Shakti to rise

 श्री गणेश के बगैर कुण्डलिनी चढ़ नहीं सकती


“...यह समझ लिजिए कि परम-चैतन्य चारों ओर फैला हुआ है। लेकिन उसका असर तभी आता है जब आपके अन्दर पवित्रता होगी। अगर आप पवित्र नहीं है, आपके विचार शुद्ध नहीं हैं, या आप किसी और ही सतह पर रह रहे हैं, तो आप सहज की गहराई में नहीं उतर सकते। यह सूक्ष्मता जो आपने सहज में प्राप्त की है, इसमें सबसे बड़ा काम श्री गणेश ने किया है। तो श्री गणेश परम चैतन्य के चेतक हैं। ऐसा कहना चाहिए कि श्री गणेश से ही यह परमचैतन्य आलोकित हुआ है। और हर एक चक्र पर यह कार्य करते हैं। हर चक्र में जब तक निर्मलता, पवित्रता न आ जाए तब तक कुण्डलिनी का चढ़ना असम्भव है। और चढ़ती भी है तो वो बार-बार गिर जाती है। कुण्डलिनी और गणेश जी का सम्बन्ध माँ और बेटे का है...


श्री गणेश के बगैर तो कुंडलिनी चढ़ नहीं सकती क्योंकि कुंडलिनी गौरी हैं और उस गौरी को उत्थान करने में श्री गणेश उसके साथ हर समय उसे संरक्षित करते हैं। इतना ही नहीं हर चक्र पर जब कुंडलिनी चढ़ जाती है तो उसके मुँह को बंद करके कुंडलिनी को गिरने से रोकते हैं।”  


-श्री गणेश पूजा

5 दिसंबर 1993

दिल्ली, भारत



No comments:

Post a Comment