Friday, November 20, 2020

Get rid of dualism - That is your goal - Sahaja Yoga Hindi Article

 द्वैतवाद से मुक्ति आपकी मंजिल है।


"लोग पूछेंगे,"सत्य क्या है?" 

प्रकाश के बिना, हम इसकी व्याख्या कैसे कर सकते हैं ? मान लो कि आपको सड़क पर या अन्य किसी जगह पर एक रस्सी पड़ी हुई मिलती है, और आप डर जाते हैं। 

जब तक आप उस पर रोशनी डाल कर यह सुनिश्चित नहीं करते कि यह तो केवल एक रस्सी है, और वह (साँप) एक भ्रम था, तब तक आप अपने आप को कैसे समझांएगे कि यह साँप नहीं है, बल्कि यह मात्र एक रस्सी पड़ी हुई है। अतः पहली चीज़ है कि आपका चित्त आलोकित होना चाहिए । और आपको अपनी अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए, सत्य को खोजना होगा।

 और तब आप जान पाते हैं कि यह स्व, यह आत्मा, आनंद बिखेरती है - ऐसा आनंद जो सुख और दुख की द्वैतवाद से परे है। वैसा बनने के लिए आपको उससे परे जाना होगा, द्वैतवाद से परे। वही आपकी मंजिल है।"


प.पू माता जी श्री निर्मला देवी ।

21 नवंबर 1979.



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