मेरा नाम आकांक्षा है और मैं सेंट्रल इंडिया से हूं।
अच्छी खासी हंसती खेलती जिंदगी मैं अचानक एक बम फूटता है और मुझे पता चलता है कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर है, लगा मानो जिंदगी अब खत्म सी हो गई है। मैं पूरी तरह से टूट चुकी थी।
तभी मेरे किसी परिचित ने मुझे फुट सोकिंग के बारे में बताया। बिना कुछ सोचे समझे मैंने खुद स्टार्ट कर दिया और तब मैंने पहली बार सहज योग और परम पूज्य माताश्री निर्मला देवी जी के बारे में जाना।
मेरे मन में माताश्री के प्रति जिज्ञासा और प्यार बढ़ने लगा । अब मुझे रोते हुए 10 से 12 दिन हो गए थे, एक दिन मैंने किसी सहजयोगी को फोन किया और अपनी दुख भरी दास्तान उन्हें सुनाई और खूब रोई, इस पर उन्होंने मुझे गाइड किया कि at your Lotus feet online meditation start hone ja raha hai aap चाहे तो वह कर ले और रोते हुए at your Lotus feet online meditation start kar diya।
यह मेडिटेशन मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरे लिए ही हो रहा है और मैं डूबती चली गई और यही मेडिटेशन मेरी लाइफ का टर्निंग प्वाइंट बन गया। अब इस मैडिटेशन के बाद मैं बिल्कुल बदल चुकी थी, मुझ में अजीब सी पॉजिटिविटी थी, मेरा रोना बिल्कुल बंद हो चुका था और इस बात का एहसास मुझे दूसरे दिन हुआ जब मैं पूरी रात 15 दिन बाद सोई थी, एक अजीब सा एहसास था कि कोई मेरे साथ है और जो मुझे इसमें से निकाल देगा।
मेरे मन में इच्छा हुई कि मुझे माताश्री का एक फोटो मिल जाए, तो मैं उन्हें अपने घर में विराजमान करूं। मगर लॉक डाउन होने की वजह से माताश्री का फोटो नहीं मिल पा रहा था, मैं बहुत उदास थी, तभी मैंने इंटरनेट पर दिल्ली सहज योग टोल फ्री नंबर देखा और फोन लगा दिया, शाम का वक्त था और उनसे रिक्वेस्ट की, कि मुझे माताश्री का एक फोटो मिल जाए, दूसरे दिन ऐसा चमत्कार हुआ कि हमारे ही घर के सामने रहने वाले सहजयोगी भाई का फोन आया कि वह माताश्री का फोटो 15 मिनट में ला रहे हैं यह सब एक मिरेकल जैसा लगा। मेरी खुशी का ठिकाना न रहा और फिर मैं माताश्री को घर में विराजमान कर पाई।
मैं दिन में तीन चार बार foot soaking aur online meditation karne lagi। बस मुझे एक विश्वास था कि जिंदगी में अब कभी मेरे साथ कुछ भी गलत नहीं होगा, मैं हमेशा अपने आपको secured and protected samajhne lagi।
अब मेरे प्री ऑपरेटिव टेस्ट होना चालू हुए, पर एक विश्वास के साथ मै हमेशा जाती थी, कि मेरे सारे टेस्ट्स की रिपोर्ट अब नेगेटिव आएगी और यही हुआ, माताश्री हमेशा मेरे साथ रहे।
माताश्री की कृपा से मेरा छोटा सा ऑपरेशन हुआ और डॉक्टर ने वह छोटी सी गांठ निकाल दी। जिस डॉक्टर ने मुझे कहा था 6 से 8 कीमो लगेंगे उन्हीं डॉक्टर ने अब मुझसे कहा कि शायद आपको कीमो की जरूरत नहीं पड़ेगी, यह सब माताश्री की ही ब्लेसिंग है।
अब ऐसा लगता है कि अगर मुझे कैंसर ना हुआ होता तो शायद मुझे परम पूज्य माताश्री निर्मला देवी जी और सहज योग नहीं मिल पाता। अब लगता है हर पल हर क्षण माताश्री मेरे साथ हैं, अब डर भी नहीं लगता है, मैं हर पल मां को बार बार धन्यवाद देती हूं।
मैं बहुत खुश हूं कि मुझे सहज योग मिला और अब मैं अपने इस आनंद का एहसास हर किसी इंसान के साथ बांटना चाहती हूं।
मैं परम पूज्य माताश्री निर्मला देवी जी को कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं और धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे सहज योग से जोड़ा। माताश्री अपनी कृपा हमेशा हम सब पर बनाए रखें।
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